स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में माना कि कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट 80 देशों में पाया गया है, जिसमें भारत भी शामिल है। यह वैरिएंट चिंता का कारण बन चुका है। वहीं डेल्टा प्लस वैरिएंट अभी तक नौ देशों में पाया गया है, जिसमें अमेरिका, यूके, पुर्तगाल, स्विटजरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस शामिल हैं। साथ ही यह वैरिएंट भारत भी पहुुंच चुका है। देश में इसके 22 केस मिल चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि अभी तक की जानकारी के मुताबिक भारत में इस्तेमाल किये जा रहे दोनों वैक्सीन – कोवैक्सीन और कोविशील्ड डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ कारगर हैं। लेकिन ये कितने कारगर हैं और किस तरह से एंटीबॉडीज बनाते हैं, इस बारे में अभी कहना मुश्किल है। लेकिन हम जल्द ही इसका पता लगा लेंगे।
Broadly speaking, both Indian vaccines we’re using in COVID vaccination program- Covishield & Covaxin -are effective against Delta variant. But to what extent & what’s the proportion of antibody titers that they produce, that we would share with you shortly: Union Health Secy pic.twitter.com/rXJTdk5HYf
— ANI (@ANI) June 22, 2021
देश में कोरोना के मामलों का अपडेट देते हुए राजेश भूषण ने कहा कि 15 जून से 21 जून के बीच देश के 552 जिलों में पॉजिटिविटी रेट पांच प्रतिशत से कम हो गयी है। देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार गिरावट आ रही है। टीकाकरण के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि 21 जून से शुरू किये गये ऐतिहासिक टीकाकरण अभियान में सिर्फ एक दिन में रिकॉर्ड 88.09 लाख लोगों को वैक्सीन लगाया गया। इनमें से सबसे अधिक मध्यप्रदेश में 17 लाख लोगों का टीकाकरण किया गया, उसके बाद कर्नाटक में 11 लाख, यूपी में 7 लाख, बिहार में 5.75 लाख, हरियाणा और गुजरात में 5.15 लाख, राजस्थान में 4.60 लाख, तमिलनाडु में 3.97 लाख, महाराष्ट्र में 3.85 लाख और असम में 3.68 लाख लोगों को वैक्सीन दिया गया जो टीकाकरण करनेवाले राज्यों की लिस्ट में टॉप 10 में हैं। 21 जून से शुरू हुए टीकाकरण अभियान में 46 प्रतिशत महिलाओं और 53 प्रतिशत पुरुषों ने वैक्सीन लिया।
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