अंतिम सोपान के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाना लक्ष्य हमारा – राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद
अच्छी शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये मुख्यमंत्री श्री चौहान एवं उनकी टीम बधाई के पात्र
कम खर्च में बेहतर उपचार के लिये भारत मेडिकल टूरिस्ट हब बन रहा है
मध्यप्रदेश से मेरी मधुर स्मृतियाँ जुड़ी हैं
आयुष्मान दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना : राज्यपाल श्री मंगु भाई पटेल
सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास हो तो सिकल सेल एनीमिया पर नियंत्रण संभव
स्वास्थ्य के सभी आयामों पर राज्य सरकार कर रही निरंतर कार्य : मुख्यमंत्री श्री चौहान
राष्ट्रपति जी की मंशा अनुसार मध्यप्रदेश होलिस्टिक हेल्थ एप्रोच से कार्य कर रहा
राष्ट्रपति श्री कोविंद ने नवीन स्वास्थ्य संस्थाओं का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन किया
राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने कहा है कि अंतिम सोपान के अंतिम व्यक्ति तक अच्छी स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाना हमारा लक्ष्य है। इसके लिये भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश सरकार निरंतर कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान एवं उनकी टीम मध्यप्रदेश में बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये जो कार्य कर रही है, उसके लिये वे बधाई के पात्र हैं। राज्य के लोग निरोगी एवं सुखी रहें, इसके लिये मेरी शुभकामनाएँ।
राष्ट्रपति श्री कोविंद ने आज मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश की नवीन स्वास्थ्य संस्थाओं का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन किया। उन्होंने 8 शहरी स्वास्थ्य संस्थाओं में 154 करोड़ 78 लाख रूपये की लागत के नवीन निर्माण कार्यों का भूमि-पूजन एवं 4 शहरी स्वास्थ्य संस्थाओं के 72 करोड़ 3 लाख रूपये के नव-निर्मित भवनों का लोकार्पण किया। साथ ही भोपाल के गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के क्षेत्रीय श्वसन रोग संस्थान, ऑर्थोपेडिक एक्सीलेंस सेंटर, ड्रग स्टोर एवं अधीक्षक कार्यालय का भूमि-पूजन किया।
राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि देश के ह्रदय प्रदेश मध्यप्रदेश में यह मेरी सातवीं यात्रा है। मध्यप्रदेश से मेरी मधुर स्मृतियाँ जुड़ी हुई हैं। आज स्वास्थ्य सेवाओं, आरोग्य, आयुर्वेद के कार्यक्रमों में शामिल होकर मैं अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। प्रदेश में आज स्वास्थ्य संस्थाओं का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन हुआ है। यह स्वास्थ्य अधो-संरचना को मजबूत करेगा।
राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि अदृश्य महामारी कोविड की असाधारण चुनौती से निपटने में डॉक्टर्स, नर्स, स्वास्थ्य कर्मियों आदि ने सेवा, त्याग और बलिदान का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। सभी ने एकजुट होकर कोविड का सामना किया और भारत कोविड नियंत्रण में सफल रहा। स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हमारी प्राथमिकता है।
राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि जब व्यक्ति बीमार होता है, तो सबसे पहले उसे भगवान याद आते हैं और उसके बाद उसे डॉक्टर या नर्स सामने दिखाई देते हैं। डॉक्टर के तसल्ली के दो शब्द दवा का काम करते हैं। चिकित्सा का मूल मंत्र है “कामये दु:खतत्पतानाम् प्राणिनाम् आरतनाशनम्” अर्थात वे मरीजों के दु:ख को दूर करने की भावना से कार्य करते हैं। कभी-कभी मरीज और उनके परिजन डॉक्टर्स के साथ बदसलूकी करते हैं, यह नहीं होना चाहिये, उन्हें धैर्य और संयम रखना चाहिये।
राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि विदेशों की तुलना में भारत में इलाज सस्ता है। भारत मेडिकल टूरिस्ट हब बनता जा रहा है। विभिन्न देशों में भारतीय मूल के डॉक्टर अच्छी सेवाएँ दे रहे हैं। हमारे चिकित्सक “सर्वभूत हिते रता:” अर्थात प्राणी मात्र की सेवा की भावना से कार्य करते हैं।
राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि बहुत से चिकित्सक विदेशों, शहरों में कार्य न करते हुए छोटे-छोटे ग्रामों में सेवा, त्याग और समर्पण की भावना के साथ कार्य कर रहे हैं। पद्म सम्मान देते हुए मेरे सामने मध्यप्रदेश के रतलाम की एक चिकित्सक डॉ. लीला जोशी का उदाहरण सामने आया। वे जनजातीय शहरी मलिन बस्तियों में गत दो दशकों से एनीमिया उन्मूलन का कार्य कर रही हैं। उनका कार्य सराहनीय है।
राज्यपाल श्री मंगु भाई पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि आज दो प्रमुख संस्थानों रीजनल इन्स्टीट्यूट आफ रेस्पिरेटरी डिसीज और सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस फॉर आर्थोपेडिक सहित विभिन्न स्वास्थ्य संस्थाओं के लोकार्पण और शिलान्यास हो रहे हैं। नागरिकों के स्वास्थ्य और चिकित्सा के लिए यह महत्वपूर्ण हैं और इनके माध्यम से लोगों की आवश्यक देखभाल हो सकेगी। प्रधानमंत्री श्री मोदी के गत आठ वर्ष के कार्यकाल में स्वास्थ्य के क्षेत्र में लागू की गई आयुष्मान योजना महत्वपूर्ण और दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है। प्रधानमंत्री श्री मोदी जन औषधि योजना के माध्यम से गरीबों तक और मध्यम वर्ग तक कम राशि में दवाइयाँ उपलब्ध करवा रहे हैं। प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुसार प्रदेश में वेलनेस सेंटर, टेलीमेडिसिन सिस्टम, रेफरल सिस्टम और शीघ्र उपचार दिलवाने के कार्य हो रहे हैं। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश में करीब 21 प्रतिशत आबादी जनजातीय वर्ग की है। जनजातीय बहुल क्षेत्रों में आनुवांशिक रोग सिकल सेल एनीमिया के नियंत्रण के लिए कार्य किए जा रहे हैं। जनजातीय गौरव दिवस पर 15 नवंबर 2021 को भोपाल में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सिकल सेल उन्मूलन के लिए मिशन प्रारंभ किया। मिशन के तहत अब शीघ्र ही 14 जिलों में सिकल सेल नियंत्रण गतिविधियों को गति दी जाएगी। राज्यपाल श्री पटेल ने युवाओं से अपील की कि वे जनजाति भाई-बहनों को सिकल सेल एनीमिया की जाँच कराने का परामर्श दें। ऐसे प्रयासों से सिकल सेल पर नियंत्रण हो सकेगा। पहुँच विहीन क्षेत्रों में वंचित वर्ग के बच्चों को आँगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से भी स्वास्थ्य सेवाएँ और पोषण की सुविधा दी जाती है। सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास हो तो जनजाति वर्ग के शत-प्रतिशत लोगों की सिकल सेल एनीमिया जाँच हो सकती है और तभी हम इस आनुवांशिक रोग को नियंत्रित कर सकेंगे। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि कोरोना काल में सेवा के लिए जिन्होंने सेवा कार्य किए उनके प्रति हम आभारी हैं। राज्यपाल श्री पटेल ने कोरोना काल में प्रधानमंत्री श्री मोदी के कुशल नेतृत्व के फलस्वरूप रोग के नियंत्रण में चिकित्सकों, अन्य स्वास्थ्य कर्मियों, शासकीय सेवकों और स्वैच्छिक संगठनों के महत्वपूर्ण योगदान के लिए आभार माना।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्वास्थ्य के विभिन्न आयामों पर राज्य सरकार बेहतर व्यवस्थाओं के लिए निरंतर कार्य कर रही है। आम जनता को अच्छी से अच्छी स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए हम संकल्पित हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवाओं के उन्नयन का कार्य निरंतर चल रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के संकल्प के अनुसार कोरोना काल मध्यप्रदेश में चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ ने अभूतपूर्व सेवाएँ दीं। राज्य सरकार ने प्रदेश में सुविधाएँ बढ़ा कर उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएँ देने का कार्य किया। जनता के स्वास्थ्य की सुरक्षा हो सकी। राष्ट्रपति श्री कोविंद विश्व के छोटे-छोटे राष्ट्रों में यात्रा कर शांति और सद्भाव संदेश दे आए हैं। मध्यप्रदेश आगमन पर प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता की ओर से उनका अभिनंदन है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना की वजह से राष्ट्रपति मध्यप्रदेश के प्रवास पर नहीं आ सके लेकिन अब कोरोना नियंत्रण के बाद उनका आगमन हुआ, इसके लिए हम आभारी हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में गत अप्रैल और मई माह में कोरोना महामारी की भयावह स्थिति थी। जो चले गए, वे सभी नमन के पात्र हैं। अनेक परिवारों ने अपने सदस्यों को खोया। ऐसे बच्चे जिन्होंने माता-पिता को खो दिया, उनके लिए मुख्यमंत्री कोविड बाल कल्याण योजना प्रारंभ कर 5 हजार रुपए मासिक की सहायता राशि प्रदान की जा रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना नियंत्रण के लिए वैज्ञानिकों और डॉक्टर्स की टीम बनाई। वैक्सीन निर्मित हुई और कोरोना महामारी पर नियंत्रण हुआ। भारत के साथ कई छोटे राष्ट्रों को यह वैक्सीन उपहार के रूप में मिली। प्रधानमंत्री श्री मोदी के आत्म-निर्भर भारत के संकल्प के अंतर्गत मध्यप्रदेश में भी आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की योजना तैयार की गई। अधोसंरचना, स्वास्थ्य, शिक्षा, सुशासन, प्रशासन के क्षेत्रों में प्रयास किए गए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि संविधान में नागरिकों के लिए स्वास्थ्य रक्षा का मौलिक अधिकार शामिल है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में एक महायज्ञ चल रहा है, जिसमें चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। मध्यप्रदेश में भी आज से कुछ वर्ष पहले तक छह मेडिकल कॉलेज थे। सागर से नये मेडिकल कॉलेज स्थापना के अभियान की शुरुआत करते हुए 13 नए मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किए गए और अब शीघ्र ही तीन अन्य मेडिकल कॉलेज भी विकसित हो रहे हैं। जिला अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी सुविधाएँ बढ़ाई गई हैं। शहरी क्षेत्रों में संजीवनी क्लीनिक कार्य कर रहे हैं। गरीबों को मुफ्त इलाज के लिए करीब पौने तीन करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज पूर्वान्ह में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति महोदय ने समग्र दृष्टिकोण के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्य की आवश्यकता बताई। जनता के बेहतर स्वास्थ्य के लिए विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों का उपयोग किया जा रहा है। स्कूलों में योग की शिक्षा के साथ ही अच्छे स्वास्थ्य के लिए पर्यावरण और प्राकृतिक कृषि के उपाय अपनाए गए हैं। वनों के उत्पादों से निर्मित औषधियों का प्रयोग भी प्रदेश में प्रचलन में है। इन सभी उपायों से भी नागरिकों के लिए स्वास्थ्य की रक्षा और उपचार का कार्य हो रहा है। राज्यपाल महोदय के मार्गदर्शन में सिकल सेल एनीमिया के लिए प्रयास बढ़ाए गए हैं। सिकल सेल एनीमिया मिशन भी प्रारंभ किया गया है, जिसमें अनेक गतिविधियाँ हो रही हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम में राष्ट्रपति श्री कोविंद की गरिमामय उपस्थिति के लिए आभार माना।
राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने रिमोट से बटन दबाकर स्वास्थ्य विभाग के 154 करोड़ 78 लाख 8 हजार रूपये लागत की 8 शहरी स्वास्थ्य संस्था भवनों का भूमि-पूजन और 72 करोड़ 3 लाख 94 हजार रूपये लागत के 4 स्वास्थ्य संस्थाओं के नव-निर्मित भवनों का लोकार्पण किया। राष्ट्रपति श्री कोविंद ने 55 करोड़ 63 लाख रूपये लागत के 182 बिस्तर क्षमता के रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ रेस्पिरेटरी डिसीज, 84 करोड़ 94 लाख रूपये लागत के 133 बिस्तर क्षमता के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर आर्थोपेडिक और 32 करोड़ 34 लाख रूपये लागत के अधीक्षक कार्यालय और सेन्ट्रल ड्रग स्टोर भवन निर्माण का भूमि-पूजन किया।
राष्ट्रपति श्री कोविंद ने आज देवास जिला चिकित्सालय का 400 से 500 बिस्तरीय भवन उन्नयन और निर्माण कार्य (लागत 20 करोड़), जबलपुर जिला चिकित्सालय का 275 से 500 बिस्तर में उन्नयन और निर्माण कार्य (लागत 44 करोड़ 78 लाख 8 हजार), सीहोर जिला चिकित्सालय और शाजापुर जिला चिकित्सालय का 200 से 300 बिस्तरीय भवन उन्नयन और निर्माण कार्य (लागत 20-20 करोड़) का भूमि-पूजन किया। सिविल अस्पताल गोविंदपुरा जिला भोपाल में (20 करोड़ लागत) 100 बिस्तरीय नवीन सिविल अस्पताल भवन निर्माण कार्य, नंदा नगर और कनाड़िया जिला इंदौर में 50-50 बिस्तर के (10-10 रुपए करोड़) के सिविल अस्पताल भवन उन्नयन और निर्माण कार्य (लागत 10 करोड़ हजार) से महिदपुर जिला उज्जैन के 34 बिस्तरीय सिविल अस्पताल के 50 बिस्तरीय सिविल अस्पताल भवन उन्नयन एवं निर्माण कार्य का भूमि-पूजन किया गया।
राष्ट्रपति श्री कोविंद ने जिला चिकित्सालय मुरैना के 60 करोड़ 54 लाख रूपये लागत के 300 से 600 बिस्तरीय अस्पताल भवन उन्नयन और निर्माण कार्य, जिला चिकित्सालय गुना में 34 लाख 70 हजार रूपये लागत के 10 केएलडी ईटीपी प्लांट का लोकार्पण किया। कार्यक्रम में बामोर जिला मुरैना के 50 बिस्तरीय सिविल अस्पताल भवन में उन्नयन कार्य और आवास-गृह निर्माण लागत 10 करोड़ 65 लाख 12 हजार रूपये और सिविल अस्पताल अम्बाह जिला मुरैना में 10 बिस्तरीय एचडीयू/आईसीयू स्थापना लागत 50 लाख 12 हजार रूपये का लोकार्पण किया गया।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में देश और प्रदेश में स्वास्थ्य संस्थाओं के उन्नयन एवं स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की यात्रा चल रही है। मध्यप्रदेश में सुदूर ग्रामों तक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया गया है।
राष्ट्रपति श्री कोविंद द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। राष्ट्रपति श्री कोविंद का राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अंग-वस्त्रम एवं पुष्प-गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। फर्स्ट लेडी श्रीमती सविता कोविंद का श्रीमती साधना सिंह ने स्वागत किया। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने आभार प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में मंच पर राष्ट्रपति श्री कोविंद की धर्मपत्नी श्रीमती सविता कोविंद, मुख्यमंत्री श्री चौहान की धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, सांसद सुश्री प्रज्ञा ठाकुर उपस्थित थे। सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा के अलावा अनेक जन-प्रतिनिधि, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर कुमार सक्सेना, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान, स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े, चिकित्सा शिक्षा आयुक्त श्री निशांत वरवड़े, अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, चिकित्सा महाविद्यालय के डीन एवं वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञ, स्वास्थ्य संस्थाओं के पदाधिकारी, स्वैच्छिक संगठनों के प्रतिनिधि एवं प्रतिष्ठित नागरिक कार्यक्रम में उपस्थित थे।
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