श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव पर भक्ति रस में निकली भव्य शोभायात्रा! श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई कृष्ण जन्माष्टमी,
ओबेदुल्लागंज नगर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव पर भव्य शोभायात्रा एवं सनातन धर्म सभा का आयोजन किया गया। नगर में भगवान श्रीकृष्ण के भक्तो ने भव्य चल समारोह एवं शोभायात्रा श्री राधा कृष्ण मंदिर खिल्लीखेड़ा से प्रारंभ होकर नगर के मुख्य मार्ग से होते हुए श्री खेड़ापति माता मंदिर विशन खेड़ा पहुंच वहां पर आरती पूजन के बाद प्रसाद वितरण किया। यादव समाज द्वारा प्रतिवर्ष किए जाने वाले आयोजन में इस बार भी हजारों की संख्या में समाजजन की भीड़ शामिल हुई। श्रीकृष्ण भगवान की आरती करने के बाद शुरू हुई शोभायात्रा में बड़ी संख्या में महिला, पुरुष, बच्चे सभी भगवान कृष्ण के भक्ति गीतों पर नाचते हुए शोभायात्रा में शामिल समिति के अध्यक्ष हेमंत यादव माखन भाई ,गोलू यादव,रोहित यादव, उमेश नंदवंशी शुभम यादव विवेक यादव और डॉ कृष्ण यादव एवं समस्त भक्तगण शामिल हुए। इस वर्ष भगवान कृष्ण जी की शोभायात्रा में शामिल हुए। नगर में प्रशासन की ओर से भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। शोभायात्रा में एसडीएम, एसडीओपी, थाना प्रभारी एवं पुलिस प्रशासन ने अपनी सहभागिता करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाया।
*माखन मटकी फोड़ में गोविंदा आला रे आला मटकी संभाल ब्रजबाला*
शोभायात्रा नगर ओबेदुल्लागंज के मुख्य मार्ग से प्रारंभ होकर मेन चौराहा पर माखन मटकी फोड़ का आयोजन किया गया इसमें बाल गोपाल भक्तो ने मटकी फोड़ प्रसाद का वितरण किया। शोभायात्रा में चल समारोह में कृष्ण लीला की आकर्षक झांकियों, जुलूस में गोविंदा आला रे आला, जय कन्हैया लाल की हाथी घोड़ा पालकी के उद्घोष से पूरा नगर गुंजायमान होकर कृष्ण भक्ति में लीन होकर झूमते गाते नजर आए। श्रीराम मंदिर शोभायात्रा में भगवान राधा कृष्ण एवं बाल गोपाल स्वरूप को पालने में झूलाने व लड्डू गोपाल की मनोहारी झांकीया इस बार विशेष आकर्षण दिखा। नगर में सामाजिक संगठनों ने जगह जगह स्टॉल लगाकर प्रसाद वितरण किया एवं इसके साथ शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण अखाड़ा में दिखाए करतब एवं शक्ति प्रदर्शन रहा। भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव जन्माष्टमी के रूप में उत्साह के साथ मनाया। मंदिर परिसर में मटकी फोड़ स्पर्धा का आयोजन एवं महाआरती के बाद रात्रि 12 बजे माखन मिश्री का हुआ प्रसाद वितरण।
शोभायात्रा के साथ श्रीमद्भागवत गीता का संदेश
नगर के धार्मिक स्थलों, स्कूलों एवं गोकुलधाम मंदिर में आयोजनों के माध्यम से सनातन धर्म एवं भगवान श्रीकृष्ण ने हमे धर्म के मार्ग पर चलने का संदेश दिया है। हमारा सनातन धर्म अदभुत है। धर्म की रक्षा और अधर्मियों का नाश करने स्वयं भगवान को श्रीकृष्ण स्वरूप में पृथ्वी पर आना पड़ा। उन्होंने संसार को पाप, अधर्म, अत्याचार से मुक्त कर धर्म की स्थापना की। कान्हा से योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण बनने के लिए घनश्याम श्रीकृष्ण को मनुष्य की भांति जीवन की अनेक बाधाएं, संघर्ष, दुःख, कष्ट, अपमान तथा पीड़ाओं को सहन करना पड़ा। भगवान श्रीकृष्ण ने संसार को फल की इच्छा छोड़कर केवल अच्छे कर्म कर स्वयं पर विश्वास करने की शिक्षा दी। संसार को भगवान श्रीकृष्ण से मित्रता की जो शिक्षा मिली, वह अनुकरणीय है। उनका आदर्श जीवन हर युग में प्रासंगिक और प्रेरणादायी है।