*भारतीय संस्कृति भारतीय दर्शन का ज्ञान युवा पीढ़ी को शिक्षा के माध्यम से दिलाने की *आवश्यकता* ..*
कांकेर- सैल्यूटतिरंगा के स्थापना दिवस के अवसर पर सेल्यूट तिरंगा के प्रदेश अध्यक्ष शिक्षा प्रकोष्ठडॉ.रमाशंकर श्रीवास्तव ने सैलूट तिरंगा संगठन के विभिन्न उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने अपना विचार रखते हुए कहा कि यह एक राष्ट्रवादी संगठन है राष्ट्र उत्थान के लिए कार्य कर रही है समाज में राष्ट्रीय भाव एवं देश भक्ति भाव जागृत करना शहीद जवानों की परिवार एवं बच्चों को मदद करना वा उनको आगे बढ़ाना गरीब छात्रों के लिए मुफ्त शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराना बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को आगे बढ़ाना स्वच्छ भारत योजना को अग्रसर करना पर्यावरण सुरक्षा एवं संरक्षण करना लोगों को भारत सरकार द्वारा दी गई सुविधा से अवगत कराना लाभान्वित कराना कृषक भाई लोगों को योजनाओं से अवगत करा कर मदद करना भ्रष्टाचार के विरोध करना आदि
उन्होंने कहा कि शिक्षा देश की अच्छी होगी तो देश काअच्छा विकास होगा देश में आज भी मैंकाले की शिक्षा पद्धति विद्यमान है जो स्वार्थ की शिक्षा है लोग अपने लिए ही सोचते हैं समाज के लिए कोई चिंतन नहीं है l यह शिक्षा प्रणाली राष्ट्र के लिए घातक है समाज के लिए घातक है इसके परिणाम दिख रहे हैं आज बहुत कम संयुक्त परिवार दिख रहा है बुजुर्गों को पढ़े लिखे बेटे आज भी वृद्ध आश्रम में छोड़ते हैं उनका सेवा नहीं कर पाते यह मैकाले की शिक्षा पद्धति का दुष्परिणाम है l
भारतीय संस्कृति हमेशा वासुदेव कुटुंबभकम बात करती हैं सभी मनुष्य हमारे भाई हैं हमारी बहन हैं हमारी माता है सबको परिवार मानकर चलती है अतिथि देवोभव यह भाव भारत की मान्यता है यह भाव को आगे ले जाना पड़ेगा भावी पीढ़ी को बताना पड़ेगा इसका शिक्षा ही उचित माध्यम है देश को आज इस प्रकार की राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता है जिससे युवा पीढ़ी में राष्ट्रभक्ति की भावना जागृत हो जो इस देश को भारत माता के रूप में मान्यता दे इस समाज को अपने परिवार के रूप में देखें भारतीय संस्कृति भारतीय दर्शन का ज्ञान युवा पीढ़ी को शिक्षा के माध्यम से दिलाने की आवश्यकता है तभी हमारे देश विश्व की ओर अग्रसर रहेगा
जय हिंद,जय भारत,जय छत्तीसगढ़कांकेर..
डॉ.रमाशंकरश्रीवास्तव