भोजपुर विधानसभा के रायसेन जिले में ओबेदुल्लागंज का दशहरा त्यौहार को 52 सालो से चली आ रही अनोखी परम्परा – महावीर हनुमान जी का चोला।
पूरे भारतवर्ष में दशहरा का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। वहीं भोजपुर विधानसभा के रायसेन जिले में ओबेदुल्लागंज का दशहरा त्यौहार को खास बनाती है “महावीर हनुमान जी का चोला” यह अनूठी परम्परा 52 वर्षों से दशहरा पर्व पर माँ दुर्गा की आकर्षक झाँकी ढोल धमाकों, डीजे, लाइट, सांस्कृतिक झांकियों से सजाकर नगर के मुख्य चौराहा से दशहरा मैदान तक महावीर सेवा दल के सदस्यों की कड़ी सुरक्षा में निकलता है चल समारोह।
माँ दुर्गा जी की झांकी के चल समारोह में भगवान राम-लक्ष्मण जी के रथ के साथ महावीर हनुमान जी का चोला आकर्षण का मुख्य केंद्र रहता है।
इस वर्ष 5 युवाओं ने महावीर हनुमान जी का चोला धारण किया है जो कि अपने आप मे इस त्योहार को अनोखा बना देता है। महावीर हनुमान जी का चोला धारण करने वाले युवक 40 दिन की कठिन साधना एवं ब्रह्मचर्य का पालन करते है।
यह परम्परा पिछले 52 वर्षो से चली आ रही है। 1970 में स्वर्गीय आत्माराम जी ने दशहरा पर हनुमानजी का चोला धारण किया था। वही से यह प्रथा एक परम्परा के रूप में चली आ रही है।
इसमें हनुमान जी का चोला (मुकुट) लगभग 25 किलो वजन एवं 7 से 8 फिट का होता था जिसे सिर पर धारण कर, नंगे पैर, नाचते, उछलते एवं जय हो महावीर तेरी, जय हो रघुवीर तेरी जयकारों से झांकी चल समरोह के साथ दशहरा मैदान तक जाकर रावण का दहन किया जाता है।
मध्यप्रदेश में यह परम्परा रायसेन -ओबेदुल्लागंज में ही मनाई जाती है। इसलिए यहां का दशहरा अनोखी परम्परा के साथ मनाया जाता है। इसलिए ओबेदुल्लागंज का दसहरा त्यौहार अनूठा एवं अभूतपूर्व है।