सनातन धर्म में कोई भेदभाव नहीं, नर्मदा प्रकट उत्सव पर श्रीमद् भागवत कथा में दिया संदेश! ! पंडित श्री पवन कृष्ण शर्मा

जनकल्याण फाउंडेशन, जन अभियान परिषद नगर विकास प्रस्फुटन समिति औबेदुल्लागंज के तत्वाधान में वृक्षारोपण कर मां नर्मदा प्रकट उत्सव मनाया।

औबेदुल्लागंज : भगवान श्री कृष्ण ने हमेशा प्रकृति के प्रत्येक जीव जंतु पशु पक्षियों से प्रेम व प्रकृति के प्रति आदर एवं पूजने का संदेश जनसाधारण को दिया है सरकार जो बेटियों को बराबरी का हक दिलाने और समाज से भेदभाव मिटाकर समानता की बात कर रही है, इसकी शुरुआत साढे पांच हजार साल पहले भगवान श्री कृष्णा कर चुके हैं,, उक्त विचार ग्राम कारीतलाई में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन पंडित श्री पवन कृष्ण जी शर्मा ब्रज धाम कुड़ाना जिला शाजापुर वाले ने व्यक्त किए,, श्री शर्मा ने कहा कि जिस समय बेटियों को घर के अंदर कैद रखा जाता था, उस समय माखन लीला और रासलीला के बहाने नारी शक्ति को भगवान ने प्रतिष्ठित किया,, एवं जिस समय देश में छुआछूत और उंच नीच का भेदभाव चरम पर था, उस समय श्री कृष्ण ग्वाल बालों के बीच में बैठकर रोटी खाते थे, ताकि समाज से भेदभाव खतम हो,, पंडित श्री शर्मा ने कहा कि आज देश में जो जातिवाद का जहर फैला है यह सनातन धर्म ने नहीं बल्कि राजनीति ने फैलाया है,, सनातन धर्म में तो पहाड़ नदियां और वृक्ष तक पूछे जाते हैं तो वह क्या भेदभाव करेगा,, कथा में आस पास के गांवों के साथ-साथ सलकनपुर, नर्मदा पुरम, मंडीदीप एवं भोपाल क्षेत्र से भी भारी संख्या में श्रद्धालुओ ने पहुंच कर कथा का आनंद लिया। कथा के अंत में भंडारा प्रसादी के साथ-साथ आयोजक परिवार एवं धरणीधर जनकल्याण फाउंडेशन, जन अभियान परिषद (नगर विकास प्रस्फुटन समिति औबेदुल्लागंज) के तत्वाधान में वृक्षारोपण कर मां नर्मदा प्रकट उत्सव मनाया।

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