गोकुलधाम में विराजे भगवान राधा-कृष्ण, शिव-पार्वती संग श्री गणेश।
गोकुलधाम में मंत्रोच्चार के साथ भगवान राधा-कृष्ण, भगवान शिव परिवार की प्राण प्रतिष्ठा
प्राण प्रतिष्ठा मंत्र
अस्यैप्राणाः प्रतिष्ठन्तु अस्यै प्राणा क्षरन्तु च। अस्यै देवत्वमर्चार्यम मामेहती च कश्चन।।
ओबेदुल्लागंज- नगर ओबेदुल्लागंज की गोकुलधाम कॉलोनी (भोपाल होशंगाबाद रोड बाई पास एन-एच 12 गोकुलधाम कॉलोनी) के मंदिरश्री में श्रद्धा और उत्साह से मूर्ति स्थापना एवं प्राण प्रतिष्ठा समारोह हुआ। दिनभर चले इस धार्मिक कार्यक्रम में बडी संख्या में गोकुलधाम कॉलोनी के रहवासी, महिला-पुरुष एवं बच्चे आदि मौजूद रहे। गोकुलधाम मंदिर में भगवान श्री राधा-कृष्ण जी, भगवान शिव-माता पार्वती, भगवान गणेशजी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सुबह से ही कॉलोनी वासियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था।
कलश यात्रा – हिन्दू धर्म में कलश-पूजन
धर्मशास्त्रों के अनुसार कलश को सुख-समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है.।
हिन्दू धर्म में कलश-पूजन का अपना एक विशेष महत्व है.धर्मशास्त्रों के अनुसार कलश को सुख-समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है. विशेष मांगलिक कार्यों के शुभारंभ करने के लिए सबसे पहले कलश यात्रा के साथ कॉलोनी की महिलाओं ने कलश के साथ कालोनी का भृमण कर मंदिर में हवन, पूजा अर्चना, के साथ महाआरती में पंडित जी ने जोड़ों को हवन कुंड के पास बैठा कर यज्ञ हवन पूजा का कार्य शुरू किया। हवन यज्ञ के बाद विधि विधान से मंदिर में भगवान श्री राधा-कृष्ण, भगवान शिव-पार्वती, भगवान श्री गणेश जी की मूर्तियों की स्थापना कर प्राणप्रतिष्ठा की गई। इस दौरान महाआरती की गई।
मंदिर में सात दिवसीय मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा आयोजन के छठे दिन प्रतिष्ठित हुए विग्रहों के मंगल दर्शन किये। अनुष्ठान पुरोहितों के मंत्रोच्चारण से मंगल अभिषेक आरंभ हुआ। देवालय में विराजित श्री राधा-कृष्ण, भगवान शिव-पार्वती, भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा का विशेष रूप से शृंगार आचार्य श्री विनोद कुमार (खेडापति मंदिर बाड़ी) , आचार्य श्री राज किशोर शास्त्री, आचार्य श्री शिव कुमार शास्त्री, आचार्य श्री अमित दुवे द्वारा सम्पन्न हुआ।
मंदिर में विराजमान हुई सभी प्रतिमाओं के दर्शन कर सभी पुलकित हो गए। सभी भक्तों ने गुरुवर को उनके द्वारा मंदिरश्री का ऐसा दिव्य स्वरुप विग्रह प्राप्त होने पर उन्हें बधाई दी। साथ ही अनुष्ठान करा रहे आचार्य श्री विनोद कुमार (खेडापति मंदिर बाड़ी) , आचार्य श्री राज किशोर शास्त्री, आचार्य श्री शिव कुमार शास्त्री, आचार्य श्री अमित दुवे एवं सहयोगी ब्राह्मणों के द्वारा यज्ञ कराकर महाआरती का आयोजन किया गया।
माघ पूर्णिमा 15 फरवरी 2022
माघ शुक्ल पक्ष चतुर्दशी, आनन्द संवत्सर विक्रम संवत 2078, शक संवत 1943 (प्लव संवत्सर), माघ | चतुर्दशी तिथि 09:43 PM तक उपरांत पूर्णिमा | नक्षत्र पुष्य 01:48 PM तक उपरांत आश्लेषा | सौभाग्य योग 09:18 PM तक, उसके बाद शोभन योग | करण गर 09:10 AM तक, बाद वणिज 09:43 PM तक, बाद विष्टि |
यह दिन पूर्ण श्रद्धा और भक्ति भाव से भव्य देव प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा हुई, मंदिर के इतिहास में अविस्मरणीय रहेगा एवं स्वर्णाक्षरों में अंकित रहेगी।
यजमानों द्वारा श्री गणेश पूजन एवं यज्ञ-वेदियों का पूजन किया और यज्ञ में आहुतियां डालीं। सभी देव-प्रतिमाओं का ‘न्यास कराया गया तदोपरान्त उनको सिंहासनों पर विराजमान कर उनके हृदय पर अंगूठा रखकर वेद मंत्रों से प्राण-प्रतिष्ठा की गई। इसके बाद भगवान का प्रथम शृंगार दर्शन हुआ और प्रथम भोग कराया गया। भोग प्रसाद के रूप में अखंड भंडारा हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने पूर्ण श्रद्धा के साथ प्रसाद ग्रहण किया। सांयकाल 7 बजे भगवान की प्रथम महाआरती के समय भक्तों और श्रद्धालुओं का जनसमूह उमड़ पड़ा। शंख और घड़ियालों की कर्णप्रिय ध्वनियों से सम्पूर्ण मंदिर-परिसर गूंज उठा।
सभी उपस्थित श्रद्धालुओं ने भाव विभोर हो भगवान की आरती की और जय जयकार की।
धार्मिक अनुष्ठान, मूर्ति पूजा, प्राणप्रतिष्ठा धार्मिक कार्यो में व्यक्तिगत पहचान को प्रचारित न करना भक्ति-भाव का प्रतीक मानते हुए कार्यक्रम में नगर एवं गोकुलधाम कॉलोनी के सभी भक्त एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे।