नई दिल्ली के नोएडा में ध्वस्त हो जाएगा भारत का ट्वीन टॉवर
नई दिल्ली के नोएडा में काउंटडाउन शुरू हो चुका है। 28 अगस्त 2022 को घड़ी में दोपहर के 2.30 बजते ही एक बटन दबेगा। अगले 12 सेकेंड में कुछ धमाके होंगे और नोएडा में तनकर खड़े सुपरटेक ट्विन टावर्स जमींदोज हो जाएंगे। ये पढऩे में भले रोमांचक लग रहा हो, लेकिन है बहुत मुश्किल, क्योंकि ट्विन टावर्स से महज 9 मीटर दूरी पर हाउसिंग सोसाइटी है, जिसमें 660 परिवार रहते हैं। 19 मीटर दूरी पर जमीन के नीचे गैस पाइपलाइन जाती है। भारत में इससे पहले इम्प्लोसिव टेक्नीक से इतना बड़ा डिमोलिशन कभी नहीं हुआ
नई दिल्ली के नोएडा में बने ट्विन टावर गिरा दिए जाएंगे। 100 मीटर से ज्यादा ऊंचाई वाले दोनों टावर गिरने में सिर्फ 12 सेकेंड का वक्त लगेगा। सुबह 7 बजे आसपास की सोसाइटी में रहने वाले करीब 7 हजार लोगों को एक्सप्लोजन जोन से हटा दिया गया। अब ट्विन टावर के पास किसी को जाने की इजाजत नहीं है। ट्विन टावर के पास अभी सिर्फ पुलिस है। दोपहर 1 बजे के डेढ़ किलोमीटर के दायरे में सभी को हटा दिया जाएगा। सिर्फ डिमोलिशन करने वाली टीम मौजूद रहेगी।
दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर डिमोलिशन एक्सपर्ट चेतन दत्ता ब्लैक बॉक्स से जुड़े हैंडल को 10 बार रोल करेंगे। इसके बाद इसमें लगा लाल बल्ब ब्लिंक करना शुरू करेगा। इसका मतलब होगा कि चार्जर ब्लास्ट के लिए तैयार है। इसके बाद दत्ता हरा बटन दबाएंगे। इससे चार डेटोनेटर तक इलेक्ट्रिक वेव जाएगी। इसके बाद 9 से 12 सेकेंड में बिल्डिंग में एक के बाद एक धमाके होंगे। ब्लास्ट होते ही 32 मंजिला इमारत मलबे में बदल जाएगी। कुतुब मीनार से ऊंचे ट्विन टावर से ठीक 9 मीटर दूर सुपरटेक एमरेल्ड सोसायटी है। यहां 650 फ्लैट्स में करीब 2500 लोग रहते हैं। सबसे ज्यादा परेशान इसी सोसाइटी के लोग हैं।
3700 किलो बारूद से 12 सेकेंड में गिरेगी पूरी बिल्डिंग
ट्विन टावर गिराने का जिम्मा एडिफाइस नाम की कंपनी को मिला है। ये काम प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता की निगरानी में हो रहा है। वे बताते हैं कि हमने बिल्डिंग में 3700 किलो बारूद भरा है। पिलर्स में लंबे-लंबे छेद करके बारूद भरना होता है। फ्लोर टु फ्लोर कनेक्शन भी किया जा चुका है।
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