प्रकृति से खिलवाड़ ! वृक्षों के दिलों पर कीलो एवं तारों से लगे होर्डिंग एवं विज्ञापन

पर्यावरण की अनदेखी करते वृक्षों के दिल पर लोहे की कीलों से लगे विज्ञापन एवं होर्डिंग,
वृक्षारोपण को लेकर सरकारें अनेको अभियान, योजनाए, बनाकर कार्य कर रही है ! मध्यप्रदेश में माननीय शिवराज सिंह चौहान ने वृक्षारोपण कार्यक्रम को चलाकर प्रकर्ति को हराभरा बनाने के लिए संकल्पित है 

लेकिन वृक्षों के दिल (तनो) पर लोहे की कीलों से विज्ञापन, होर्डिंग, बिजली के हांई टेंशन तारों को लगते-लगाते देखा होगा ! उनके लिए वृक्ष सिर्फ प्रचार प्रसार का एक माध्यम है!

पेड़ जीवनदायिनी ऑक्सीजन देते हैं

वृक्षारोपण का महत्व इतना स्पष्ट है तब भी कुछ ही मुट्ठी भर लोग हैं जो वास्तव में इस गतिविधि में शामिल होने का प्रण लेते हैं। बाकी अपने जीवन में इतने तल्लीन हो चुके हैं कि वे यह नहीं समझते कि बिना पर्याप्त पेड़ों के हम लंबे समय तक जीवित नहीं रह पाएंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान अपने एक वर्ष तक निरंतर वृक्षारोपण के संकल्प के तहत प्रतिदिन एक पौधा लगाते हैं।

वृक्षारोपण को लेकर सरकारें भी अनेको अभियान, योजनाए, बनाकर कार्य कर रही है ! मध्यप्रदेश में माननीय शिवराज सिंह चौहान ने वृक्षारोपण कार्यक्रम को चलाकर प्रकर्ति को हराभरा बनाने के संकलिप्त है!

मध्य प्रदेश अंकुर योजना पर्यावरण संरक्षण  से संबन्धित योजना हैं। इस योजना के तहत राज्य में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण करना ।

प्रकृति को संतुलन बनाए रखना, जीवन को सुखी, सम्रध ओ संतुलित बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण को बढावा देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने वृक्षारोपण करने का निर्णय लिया जिसको त्रिवेणी अभियान के नाम दिया गया

जिसका आरम्भ हरियाली अमावस्या 28 जुलाई २०२२ से किया गया इसमें मोबाइल एप्प माध्यम से वृक्षारोपण की जिओ टैग से मानिटरिंग की जा रही है !

सामाजिक संघटन, सरकारी संघटन, पर्यावरण प्रेमी, समिति, पत्रकार संघटन, स्कूल कॉलेज के छात्र छात्राए एवं जन समुदाय आगे आकर पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लोगो को जागरूक करते है! युवाओं ने प्रतिदिन वृक्षारोपण, हर-घर वृक्ष, शादी के मोके पर वृक्ष, जन्मदिन पर वृक्ष, मृत्यु होने पर मोक्ष पर वृक्षारोपण करने का निर्णय लिया

वही कुछ लोग पर्यावरण पर होने वाले हानिकारक प्रभावों की अनदेखी करते हैं।

वृक्षों को काटकर पर्यावरण पर होने वाले हानिकारक प्रभावों की अनदेखी करते हैं।

वृक्षों के दिल (तनो) पर लोहे की कीलों और तारों से बांधकर लगाए गए विज्ञापन, होर्डिंग, बिजली के हांई टेंशन तारों को लगते-लगाते देखा होगा ! उनके लिए वृक्ष सिर्फ प्रचार प्रसार का एक माध्यम है! हम सभी इसकी अनदेखी कर रहे है।

क्षेत्रों में पेड़ों पर लगे होर्डिंग आसानी से देख जा सकते हैं। पेड़ों के लिए कील से ज्यादा लोहे की तार खतरनाक है। लगाने के कुछ दिन बाद तार पेड़ को कस कर जकड़ लेती है और पेड़ के फैलने पर तार अंदर घुस जाती है। जिससे पेड़ का विकास रुक जाता है और पेड़ सूख कर गिर जाता है। जानकारों की माने तो पेड़ों पर कील ठोकना व किसी भी प्रकार की क्षति पहुंचाना ट्री प्रोटेक्शन एक्ट की तहत अपराध की श्रेणी में आता है। लेकिन वन विभाग, नगर निगम भी ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने से बचता है।

हमको ऐसा लगता है कि वृक्षारोपण से यदि हमें मोबाइल में इंटरनेट चलाने के लिए Wifi सिग्नल फ्री मिलता होता तो शायद हम कितने सारे वृक्ष लगाते लेकिन बहुत दुख की बात है कि वे केवल ऑक्सीजन देते है और प्रकृति को हरा भरा रखते है । कितना दुखद है कि हम सभी इतने मतलबी हो गए है कि हम अपने पर्यावरण पर होने वाले हानिकारक प्रभावों की अनदेखी करते हैं। और केवल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल से प्रकृति को नष्ट कर रहे है !

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