आवश्यकता है तनाव प्रबंधन की (Tension Management)
युवाओं मे आजकल Depression (अवसाद) के लक्षण आम हो गए है ! आजकल युवाओं में भूख में कमी, पसंदीदा एक्टिविटीज में दिलचस्पी , ऊर्जा , ध्यान , निर्णय लेने , नींद में कमी से जुड़ी समस्या जैसे इन्सोम्निया आदि नजर आ सकते हैं। इसके अलावा :-
- चिड़चिड़ापन (Irritability),
- आक्रामकता (Aggressiveness),
- थकान (Fatigue),
- सिरदर्द (Headache),
- चिंता (anxiousness),
- बेचैनी (Restlessness),
- भविष्य की चिंता
- यौन इच्छा में कमी (Reduced sexual desire),
- खालीपन महसूस करना (Feeling of emptiness),
- आसपास की चीजों से कट जाना (Withdrawal from surroundings),
- चिंता (Anxiety), भूख में कमी (Loss of appetite), आदि लक्षण दिखाई देना डिप्रेशन होंना पाया जा रहा है!
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार भारत में युवा जो कि नोकरी पेशा में है वे युवा या तो नोकरी करने में असहज महसूस कर रहे है या काम के दौरान उनकी रूचि में कमी, काम को बोझ समझना , काम के बड़ते बोझ के कारण नोकरी छोड़ना या नोकरी छोड़ने का मन बना रहे है! डिप्रेशन में युवाओं में भरोसा आसानी से नही करते इन्हें लोग भ्रमित करते है जिससे युवा अछे लोगो पर भी भरोसा नही कर पाते है !
युवा सीखने के दौरान प्रश्न पूछने में झिझकता है उसे डर लगता है कि कुछ गलत हो गया तो लोग मेरा मजाक बनाएंगे ! इस कारण युवाओ में सीखने की क्षमता कम हो जाती है !
इसमें कई युवा Quit Quitting यह वह ट्रेंड है जिसमे लोग नोकरी तो नही छोड़ते है जिसमे युवा उतना ही काम करता है जितना जरुरी होता है! जैसे आधे मन से काम करना, ऑफिस में समय पर न आना, काम में रूचि न लेना, मोबाइल पर विजी रहना, सीनियर कर्मचारियों से, या अधिकारियों से व्यवहार में अंतर ऐसे लक्षण सामान्यतः नजर आ रहे है!
जबकि युवाओ को मेहनत करना चाहिए और काम की गुणवत्ता से अपनी प्रोग्रेस, प्रमोशन को हाशिल कर सकते है ! लेकिन मोजुदा हालात को देखते हुए युवाओं में इसके विपरीत कम काम ज्यादा आराम, ओर काम से काम रखना चाहते है युवा अपने उपर जिम्मेद्दारी लेना नही चाहते है!
एक सर्वे के अनुसार युवाओ में डिप्रेशन के कारण
- 32 प्रतिशत युवा महंगाई से जैसे गाड़ी, मोबाइल , घर, कपड़े, फैशन
- 47 प्रतिशत युवा का कहना है कि उतना वेतन मिलता है जितना उनका खर्च है!
- 29 प्रतिशत युवा में अपने रेटायेरमेंट का डर बना हुआ है! युवाओं को लगता है की कम्पनी हमको कभी भी निकाल सकती है ! हमारा क्या होगा ?
- 45 प्रतिशत युवा ऊर्जा हीन महसूस कर रहे है उनका काम में मन ही नही लगता है!
- 47 प्रतिशत युवाओं के पास किसी प्रकार की बचत ही नही है या कोई सेविंग नही है! इस कारण युवाओं में हताशा बड रही है!
जबकि युवाओं को मेहनत करके दुनिया में नाम कमाना, अपनी अलग पहचान बनाना, कुछ नवाचार करना, रिसर्च करना, अपनी योग्यता एवं अनुभव के आधार पर संस्था को ग्रोथ दिलाना एवं अपनी अलग पहचान बनाना, अपने सकारात्मक माहौल को बनाना, अपने कार्य को मनोरंजक बनाते हुए कार्य में रुची लेना चाहिए! युवाओं को प्रतिदिन कुछ नया सीखना, नया अनुभव लेकर कार्य को अपनी जिम्मेदारी से पूरा करना अपना कर्तव्य समझना चाहिए!
युवाओं को Low Cost एंड No Cost पर कार्य करना सीखना होगा ! तभी संस्था ग्रोथ कर पाएगी साथ ही युवाओ को भी बेहतर प्रमोशन एवं स्थाई जॉब से Satisfaction होगा !
डिप्रेशन के प्रकार
Mental Health Disorder) के कॉमन प्रकार हैं, क्लिनिकल डिप्रेसिव डिसऑर्डर (डिप्रेशन का सबसे गंभीर रूप),
सीजनल एफेक्टिव डिसऑर्डर (Seasonal Affective Disorder), पोस्टपार्टम डिप्रेशन (Postpartum depression),
आवश्यकता है तनाव प्रबंधन की (Tension Management)
अपने आप को तनाव से दूर रखने के लिए हमेशा सकारात्मक माहोल में रहना, अपना कार्य को मनोरंजक बनाना, दूसरों की सहायता करना, अपने खर्चो को सीमित करना, अपनी कार्य क्षमता को बढाना, अपनी जिम्मेदारियों को समझना, समय पर खाना, समय पर सोना, पूरी नींद लेना, खुलकर हसना हसाना, योग एवं ध्यान लगाना अपनी रुची अभिरुचि से प्रतिदिन का लक्ष्य बनाकर अपने कार्य में The Best सबसे अच्छा देकर अपनी मन की खुशी को पहचाना !
जिससे युवा सकारात्मक जिम्मेदारी का निर्वहन करें तभी तो युवा अपने आप को, अपने परिवार को, अपने समाज को , अपने देश -राष्ट्र को एक्सेल इंडिया (अद्वतीय भारत ) बना सकते है !