ओबेदुल्लागंज : आज दिनांक 23 दिसंबर को वीर सावरकर शासकीय महाविद्यालय में एक दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी अर्थशास्त्र विभाग के द्वारा आयोजित की गई। शोध संगोष्ठी का विषय “डिजिटल इंडिया : संभावनाएं एवं चुनौतियां ” पर आयोजित कि गई।
इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को डिजिटल सुविधाओं एवं सर्च करना और रिसर्च करना दोनों में अंतर अंतर होता है समझाया गया। आज कल छात्र शोध रिसर्च ने कर गूगल सर्च ज्यादा करते है। आज की संगोष्ठी रिसर्च पर आधारित को बढ़ावा देने के लिए रखी गई।
शोध संगोष्ठी का आरंभ प्रातः 9:30 पर शोधार्थी एवं अतिथियों के पंजीयन के साथ प्रारंभ हुआ। संगोष्ठी में कुल 100 से अधिक रजिस्ट्रेशन हुए।
संगोष्ठी का प्रारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राकेश सक्सेना तथा आइक्यूएसी प्रभारी डॉ सुनीता गुप्ता, संगोष्ठी कि समन्वयक डॉ श्वेता श्रीवास्तव , मुख्य वक्ता डॉ मनीष शर्मा मुख्य अतिथि डॉ आर के गुप्ता तथा अध्यक्ष आर के दीक्षित के द्वारा मां सरस्वती पर माल्यार्पण एवं वंदना के साथ प्रारंभ हुआ है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ श्वेता श्रीवास्तव के द्वारा किया गया किया गया ।
अतिथियों के परिचय के पश्चात अतिथियों का स्वागत भाषण प्राचार्य डॉ राकेश सक्सेना के द्वारा दिया गया। अतिथियों को कुमकुम रोली लगाकर तथा मोमेंटो एवं पौधा देकर सम्मानित किया गया।
स्वागत बेला के पश्चात शोध विषय का विस्तृत विवरण डॉ सुनीता गुप्ता के द्वारा बड़े सरल शब्दों में डिजिटल भारत को उदाहरण देकर समझाया।
मुख्य अतिथि डॉ आर के गुप्ता द्वारा डिजिटल क्रांति मे आप्टिकल फाइबर की योगदान पर प्रकाश डाला, तथा विकास के लिए आध्यात्मिक पक्ष के साथ भाव पक्ष पर भी सामंजस्य बनाकर प्रगति को हम समाज से जोड़ पाएंगे, इस विषय को बड़े ही सरल तरीके से समझाया। तत्पश्चात जनभागीदारी अध्यक्ष डॉ भूपेंद्र नागर ने शोध संगोष्ठी को संबोधित किया।
डॉ नागर के द्वारा ऑनलाइन सर्विसेज तथा गतिविधियां जोकि शासन के द्वारा संचालित है, के लाभ से परिचित कराया। डॉ नागर के उद्बोधन के पश्चात मुख्य वक्ता डॉ मनीष शर्मा प्राध्यापक, IEHE, भोपाल के द्वारा डिजिटल इंडिया को तकनीक पर नजर रखने वाला माध्यम बताया। नोलेज इकोनॉमी इंडेक्स के अनुसार भारत का स्थान 100 रैंक पर है। जोकि अभी बहुत नीचे है, पर ध्यान आकर्षित किया तथा ऊपर आने के लिए अनेक सुझाव प्रदान किए।
डॉ दीक्षित ; सेमिनार के अध्यक्षता कर रहे है , ने भारत में डिजिटल ज्ञान के बढ़ते हुए स्कोप को समझाया। डिजिटल डेमोक्रेसी आज के समाज की विशेषता है ।डॉ दीक्षित के कथन के पश्चात उद्घाटन सत्र का समापन किया गया । आभार व्यक्त श्रीमती रागिनी नागर जोकि सेमिनार की सह- समन्वयक है ने किया। प्रथम उद्घाटन सत्र के पश्चात, द्वितीय तकनीकी सत्र का आरंभ हुआ जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में डॉ अंशु जोशी, प्रोफेसर स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडी JNU न्यू दिल्ली, ऑनलाइन माध्यम से हम से जुड़ी। डॉ अंशु जोशी ने साइबर सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। डिजिटल क्राइम से संबंधित नियम तथा साइबर सिक्योरिटी के अनेक तरीके ऑनलाइन माध्यम से हम तक पहुंचाएं ।डिजिटल और साइबर सिक्योरिटी में भारत आगे बढ़ रहा है, तथा शासन भी अनेक नियम बनाकर लोगों को सुरक्षा प्रदान कर रही है। डॉ जोशी के संबोधन के पश्चात लंच ब्रेक हुआ जिसमें सभी बड़ी गणमान्य अतिथियों ने भोजन ग्रहण किया । द्वितीय सत्र में विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ संजीव गौर सह- प्राध्यापक कंप्यूटर विभाग के द्वारा “इंपेक्ट ऑफ डिजिटल मार्केटिंग फॉर बिजनेस ग्रोथ” के द्वारा कंजूमर को किस प्रकार एक प्रोडक्ट के रूप में उपयोग में लाया जा रहा है , को अनेक उदाहरण के द्वारा समझा गया। तकनीकी सत्र को आगे बढ़ाते हुए अनेक शोधार्थी ने अपने शोध पत्र ऑनलाइन माध्यम एवं ऑफलाइन माध्यम से पढ़े। तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉ संजीव गौर एवं डॉ मंजू लता पाठक प्राध्यापक राजा भोज महाविद्यालय, मंडीदीप के द्वारा की गई। तकनीकी सत्र की समाप्ति के पश्चात सभी गणमान्य अतिथियों का आभार सेमिनार सह-समन्वय श्रीमती रागनी नागर के द्वारा व्यक्त किया गया। सभी विद्यार्थियों एवं प्रतिभागियों तथा गणमान्य नागरिकों, अतिथियों , तथा महाविद्यालय के स्टाफ के सहयोग से सेमीनार का रंगारंग समापन हुआ।