पुरानी पेंशन शिक्षक,कर्मचारियों का संवैधानिक अधिकार
-विजयकुमार बंधु
केंद्र सरकार ने 2005 में तो मध्यप्रदेश सरकार ने छलावा कर 1998 में ही पुरानी पेंशन बंद कर दी– विजय बंधु।
2013 के पहली बार इतनी तादात में जुटे शिक्षक कर्मचारी
महेश्वर- 16 अक्टूबर पेंशन शिक्षक कर्मचारियों का संवैधानिक अधिकार है ।जब केंद्र सरकार ने सम्पूर्ण भारत मे 2005 में पुरानी पेंशन बन्द की जबकि मध्यप्रदेश सरकार ने शोषणकारी नीतिपूर्वक छलावा करते हुये 1998 में ही 2 लाख 86 हजार शिक्षक कर्मचारियों की पेंशन बंद कर दी है यह बात पुरानी पेंशन बहाली संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने महेश्वर के पेंशन महाकुंभ में कही। जिसमे लगभग 25 हजार पेंशन विहीन शिक्षक कर्मचारी उपस्थित थे बंधु ने कहा कि अगला मिशन होगा वोट फॉर OPS , पुरानी पेंशन नहीं तो वोट नही । कर्मचारियों की समय समय पर प्रथम नियुक्ति की शून्यता कर दी गई।
आज जगह जगह निजीकरण किया जा रहा है इसका लाभ पूंजीपतियों को सीधा दिया जा रहा है। कई कर्मचारी रिटायर हो गये आज उनको 1000 से 1100 पेंशन मिल रही है। जिसमे उनकी दवाई का खर्च भी नही निकल पा रहा है। जब 62 वर्ष की आयु में शारीरिक रूप से मजदूरी भी करने में सक्षम नही होगा तो अपना जीवनयापन कैसे कर पायेगा।
बंधुजी ने कहा कि भारत के 3 राज्यो राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड में पुरानी पेंशन लागू हों चुकी है और पंजाब, बिहार, हिमाचल, प्रदेश सहित 7 राज्यों पुरानी पेंशन पाइप लाइन में है तो मध्यप्रदेश को भी लागू करना होगा। बंधू जी ने कहा 2023 के पहले मध्यप्रदेश में यदि आप एकजुटता के साथ लड़े तो यहां भी पेंशन बहाल होगी और उन्होंने आगे कहा की 2024 में हर हाल में पूरे देश में लागू होगी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं मध्य्प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान जी से निवेदन करते है कि मध्यप्रदेश के 6 लाख कर्मचारियों के परिवार के 30 लाख सदस्यो के भविष्य पर एन पी एस का ग्रहण हटाकर पुरानी पेंशन की सौगात दी जाये।
पुरानी पेंशन बहाली संघ के प्रांतीय अध्यक्ष परमनानद डेहरिया ने कहा कि प्रथम नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता के साथ पुरानी बहाल करे।
Nmops के मीडिया प्रभारी एच एन नरवरिया ने बताया की कार्यक्रम की भव्यता इस से और बढ़ गई थी स्थल पर 60 कूलर 10 एलसीडी ,4 सेल्फी पॉइंट, शौचालय, खोया पाया ,चाय ,स्वल्पाहार आदि की व्यवस्था थी कार्यक्रम को ड्रोन कैमरा से कवर किया गया तथा टेंट 150 * 500 वर्ग फुट में सहित बैठने के लिए 10 हजार कुर्सियां लगी थी ।
52 विभागों के 25 हजार से अधिक कर्मचारी सम्मिलित हुये जिसमें शिक्षक अध्यापक की संख्या ज्यादा रही , विभिन्न संघटनो के 25 प्रदेशाध्यक्ष मंच पर रहे NMOPS के प्रदेश अध्यक्ष परमानंद डेहरिया ने कहा कि ऐसे अलग अलग संभाग के ममहाकुम्भ आयोजित किया जायेगा। 6 नवंबर को जबलपुर नए वर्ष में उज्जैन महाकुंभ प्रस्तावित है
मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया ।
16 अक्टूबर के कार्यक्रम में सबसे पहला श्रेय महाकुम्भ में उपस्थित साथियों को जाता है जिन्होंने तन, मन, धन से साथ दिया क्योंकि संख्याबल और अर्थ बल के अभाव में कोई भी कार्यक्रम सफल नहीं होता है,,,*
उन कर्मचारी साथियों का आभार व्यक्त करने को मेरे शब्द बौने है जो 100 से 800 किमी दूर से पेंशन महाकुम्भ में अपने दल बल से पधारे और उनसे आशा है कि वे भी अपने जिलों में NMOPS टीम को मजबूत करेंगे…
कार्यक्रम की सफलता का श्रेय समस्त ब्लॉक के कर्मठ कार्यकर्ता साथियों और दिनेश पटेल ग्यारसी लाल पटेल जिन्होंने व्यवस्थाओं बाबद कार्यक्रम स्थल पर दिन रात अपनी उपस्थिति देकर इतनी बढ़िया व्यवस्थायें दी
स्थानीय NMOPS टीम जिला प्रभारी दिनेश पटेल, जिलाध्यक्ष ग्यारसी लाल पटेल की प्रबंधन क्षमता ने यह साबित कर दिया कि जेब में एक रूपया भी सहयोग राशि नहीं थी फिर भी उनके जुनून ने कार्यक्रम का फैसला लिया और उसे ऐतिहासिक बनाया जो पुरानी पेंशन बहाली में मील का पत्थर साबित होगा,,,
“एक मिशन – एक मंच”
भारत सरकार ने 2005 में बंद की पुरानी पेंशन
मध्यप्रदेश सरकार ने 1998 में ही बन्द कर दी
2011 से नई पेंशन योजना लागू हुई
1998 से 2011 तक कर्मचारियों को कोई लाभ नही
प्रथम नियुक्ति की शून्य करार दिया वरिष्ठता शून्य