तेरा प्यारा सजा है दरबार भवानी .. भक्तों की लगी है क़तार भवानी….

माता रानी के दरबार में श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना – गोकुलधाम कॉलोनी ओबैदुल्लागंज

नवरात्रों में गोकुलधाम कॉलोनी ओबैदुल्लागंज में माता रानी के दरबार में श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना, कन्या भोज,एवं असीम आनन्द और हर्षोल्लास के साथ देवी दुर्गा के नौ विभिन्न रूपों में श्रद्धा-भाव से पूजा जाता है! पूरे नवरात्रों में भक्तगण की श्रद्धा-भाव एवं पूजा-अर्चना से कॉलोनी भक्तिमय हो जाती है! गोकुलधाम कॉलोनी ओबैदुल्लागंज

नवरात्रि उत्सव पूरे देश में भक्ती की लहर है जगह-जगह माता-रानी की प्रतिमा को विधी-विधान से स्थापना कर नवरात्रों में पूजा, अर्चना, एवं झांकी को सजाया जाता है भक्तों की भक्ति से पूरा माहौल भक्तिमय हो जाता है, माता-रानी के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है जगह-जगह माता-रानी की चुनरी यात्रा में माता रानी के भक्त पैदल यात्रा कर माता रानी के दरबार में अपनी अपनी मनोकामनाओं को लेकर पहुचते है और माता रानी के दरबार में श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना, कन्या भोज, भण्डारा का आयोजन करते है असीम आनन्द और हर्षोल्लास के नौ दिनों का उचित समापन बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक पर्व दशहरा मनाया जाता है! नवरात्रि उत्सव के दौरान देवी दुर्गा माँ के नौ विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है, जिसे नवदुर्गा के नाम से भी जाना जाता है। नवदुर्गा हिन्दू धर्म में माँ दुर्गा एवं माता पार्वती के नौ रूपों को एक साथ कहा जाता है। इन नवों दुर्गा को पापों की विनाशिनी कहा जाता है, हर देवी के अलग अलग वाहन हैं, अस्त्र शस्त्र हैं परन्तु यह सब एक हैं। दुर्गा सप्तशती ग्रन्थ के अन्तर्गत देवी कवच स्तोत्र में निम्नांकित श्लोक में नवदुर्गा के नाम क्रमश: हैं–

प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।

तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम् ।। पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च। सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम् ।। नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:। उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना ।।

माँ दुर्गा के 9 रूप । • शैलपुत्री • ब्रह्मचारिणी • चन्द्रघंटा • कूष्माण्डा • स्कंदमाता • कात्यायनी • कालरात्रि • महागौरी • सिद्धिदात्री

देवी माँ या निर्मल चेतना स्वयं को सभी रूपों में प्रत्यक्ष करती है,और सभी नाम ग्रहण करती है। माँ दुर्गा के नौ रूप और हर नाम में एक दैवीय शक्ति को पहचानना ही नवरात्रि मनाना है। असीम आनन्द और हर्षोल्लास के नौ दिनों का उचित समापन बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक पर्व दशहरा मनाया जाता है नवरात्रि पर्व की 9 रातें देवी माँ के 9 विभिन्न रूपों को को समर्पित हैं जिसे नव दुर्गा भी कहा जाता है। । ।

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: । ।

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